कोरोना के मामले में दुनिया के क़रीब 100 देशों से बेहतर क्यों है भारत?

भारत में कोरोना के भयावह होने से इनकार तो नहीं किया जा सकता, लेकिन ग़ैर-बीजेपी पार्टियां और मोदी विरोधी तमाम तबक़े हालात को जितना गंभीर बता रहे हैं, क्या वाक़ई हालत उतनी ख़राब है? इस सवाल की सही पड़ताल ज़रूरी है।
भारत विरोधी मीडिया का बड़ा हिस्सा भी लगातार ऐसी तस्वीरें और तथ्य पेश करने में लगा है, जिससे ये भ्रम पैदा हो रहा है कि भारत की संघीय प्रशासनिक व्यवस्था कोरोना से निपटने में नाकाम है। आइए जानते हैं कि पूरी दुनिया के मुक़ाबले कोरोना के मामले में भारत की सही तस्वीर क्या है-

– कोरोना से सबसे ज़्यादा प्रभावित 10 देश हैं- अमेरिका, भारत, ब्राज़ील, फ्रांस, टर्की, रूस, ब्रिटेन, इटली, स्पेन और जर्मनी
– कोरोना मरीज़ों की संख्या के आधार पर भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर है
– लेकिन आबादी के घनत्व के हिसाब से भारत की स्थिति बहुत से देशों से बहुत बेहतर है
– प्रति 10 लाख आबादी पर भारत में कोरोना मरीज़ों की संख्या 18,318 है, वहीं मरने वालों की संख्या का आंकड़ा है मात्र 204
– प्रति 10 लाख आबादी के आंकड़ों के आधार पर भारत टॉप 10 देशों में सबसे निचले पायदान पर है
– जिन टॉप 10 देशों में कोरोना के हालात भारत से बदतर हैं, वे हैं- अमेरिका, फ्रांस, स्पेन, ब्राज़ील, इटली, ब्रिटेन, टर्की, जर्मनी और रूस
– यानी कोरोना मरीज़ों की संख्या आबादीवार देखने के बाद ही किसी देश की स्थिति तय होनी चाहिए
(इस लिहाज़ से)
– कोरोना से मौत के मामले में 220 देशों और क्षेत्रों की लिस्ट में भारत क़रीब 100वें नंबर पर है
– ये आंकड़े अलग-अलग देशों में कोरोना की टेस्टिंग के आंकड़ों से सीधे-सीधे जुड़े हैं
– टॉप 10 देशों में अमेरिका के बाद सबसे ज़्यादा टेस्टिंग भारत में हुई है

टॉस का मानना है कि अगर भारत की छवि ख़राब करने वाला माहौल बनाने की साज़िश हो रही है, तो ऐसा क्यों किया जा रहा है, ये जानना चाहिए-

– हर भारतीय नागरिक को कोरोना के मौजूदा हालात को सही नज़रिए से समझने की ज़रूरत है
– भारत में आंकड़े रोज़ाना सुधर रहे हैं, कोरोना के मरीज़ों का रिकवरी रेट दैनिक आधार पर बढ़ रहा है
– केंद्र और राज्यों के प्रशासन के प्रयासों से भारत में कोरोना के मामले घट रहे हैं
– वैक्सीनेशन की गति बढ़ रही है, भारत इस मामले में रिकॉर्ड क़ायम कर चुका है
– फिर भी भारत की बदनामी की जा रही है, तो इसके पीछे वही ताक़तें हैं, जो हमारी तरक़्क़ी से जलती हैं
– ग़ैर-बीजेपी पार्टियां मोदी सरकार को बदनाम करने में लगी हैं, तो इसकी वजह उनका राजनैतिक जनाधार लगातार खिसकते जाना ही है

हम ये कहने की कोशिश नहीं कर रहे हैं कि भारत में कोरोना अभी बेक़ाबू नहीं है। हम सिर्फ़ इतना कह रहे हैं कि देश में कोरोना जनित हालात लगातार क़ाबू में आते जा रहे हैं। पूरी दुनिया में ऐसा ही हो रहा है। भारत में विपक्ष अगर राजनैतिक विद्वेश की भावना को ताक पर रख दे, तो लोगों को सही तस्वीर नज़र आ सकती है।

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