तस्वीर थाईलैंड की है. जहां लाईन लगाकर लोग अपने घरों में रखा सोना बेच रहे हैं. यह स्थिति कोरोना के बाद आई आर्थिक तबाही के कारण आ गई. लोगों की आय टूटी और जीवन यापन के लिए घरों में रखा सोना बेचना मजबूरी हो गई. नौबत यहां तक आ गई कि थाईलैंड के प्रधानमंत्री को यह अपील करनी पड़ी कि सोने की बिकवाली एकदम से न करें. धीरे धीरे जरूरतभर का सोना बेचें क्योंकि दुकानदारों के पास देने के लिए पैसा नहीं बचेगा ऐसी स्तिथि बन सकती है.
लॉकडाउन खुलने के बाद भारत में बड़ी संख्या में लोग सोने की बिकवाली के लिए निकल पड़ेंगे इसकी आशंका है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक साल 2020 में घर में रखे सोने में रिकॉर्ड बिकवाली का अनुमान है. 2019 में 119.5 टन सोना घरों से बाहर आया, जो 2018 की तुलना में 37 फीसदी ज्यादा. 2020 में नया रिकॉर्ड बनने की संभावना है.
रिपोर्ट के मुताबिक गहनों की मांग पहली तिमाही यानी जनवरी से मार्च 2020 में 41 फीसदी गिरकर 11 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई. इस दौरान कुल 73.9 टन सोने की गहने बिके. आर्थिक विकास दर, रोजगार और लोगों की आय के मोर्चे पर माहौल निराशावादी. इससे आगामी तिमाहियों में भी सोने की मांग घटने की आशंका.
सोने की कीमत का रिकॉर्ड ऊंचाई पर होना भी लोगों को सोना बेचने के लिए प्रेरित करता है. यानी लॉकडाउन खुलने के बाद भी सर्राफा बाजार में रौनक लौटने में लंबा समय लगेगा इसकी मजबूत संभावना है क्योंकि नौकरी जाने या तनख्वाह कटने के बाद लोग सोना खरीदने नहीं बल्कि बेचने निकलेंगे
Leave a Reply