Ram Mandir ! Know about all Ayodhya Facts

आख़िरकार पांच सौ साल बाद वो दिन आ गया, जब अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। 5 अगस्त, 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर का भूमि पूजन किया। आइए मंदिर विवाद से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण घटनाक्रम पर नज़र डालते हैं।

वर्ष 1528 : अयोध्या में राम मंदिर गिराकर बाबर के आदेश पर मस्जिद का निर्माण।

वर्ष 1853: पहली बार अयोध्या में विवादित स्थल के पास सांप्रदायिक दंगा हुआ।

वर्ष 1859: विवादित स्थल पर बाड़ लगाई गई, कैंपस के भीतरी हिस्से में मुसलमानों और बाहरी में हिंदुओं को प्रार्थना की अनुमति।

वर्ष 1949: विवादित स्थल पर भगवान राम की मूर्तियां मिलीं, हिंदू व मुस्लिम पक्ष अदालत पहुंचे, सरकार ने ताला लगा दिया।

वर्ष 1986: फ़ैज़ाबाद के डीएम का हिंदुओं की प्रार्थना के लिए दरवाज़ा खोलने का आदेश, मुसलमानों ने बाबरी मस्जिद संघर्ष समिति बनाई।

वर्ष 1989: वीएचपी ने विवादित स्थल के पास राम मंदिर की नींव रखी, मंदिर निर्माण अभियान तेज़ किया।

2 नवंबर, 1990: अयोध्या में कार सेवकों पर पुलिस ने फ़ायरिंग की, 40 से ज़्यादा लोगों की मौत, सरकारी आंकड़े में सिर्फ़ 16 की जान गई।

06 दिसंबर, 1992: हज़ारों की भीड़ ने अयोध्या में विवादित ढांचा ढहा दिया, हिंदू-मुस्लिम दंगे भड़के, दो हजार से ज्यादा लोग मारे गए।

जनवरी 2002: प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने विवाद सुलझाने के लिए अयोध्या समिति बनाई, वरिष्ठ अधिकारी शत्रुघ्न सिंह वार्ताकार बने।

13 मार्च, 2002: सुप्रीम कोर्ट का विवादित स्थल पर यथास्थिति का आदेश, किसी को विवादित भूमि पर शिलापूजन की अनुमति नहीं।

अप्रैल, 2003: हाईकोर्ट के आदेश पर एएसआई ने विवादित स्थल की खुदाई शुरू की, रिपोर्ट में बताया कि खुदाई में मंदिर से मिलते-जुलते अवशेष मिले।

मई, 2003: सीबीआई ने 1992 में ढांचा विध्वंस मामले में लालकृष्ण आडवाणी सहित आठ लोगों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाख़िल की।

जून, 2003: कांची पीठ शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती ने मामला सुलझाने के लिए मध्यस्थता की पहल की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।

जुलाई, 2005: पांच आतंकियों ने विवादित परिसर पर हमला किया, सभी मारे गए, एक व्यक्ति की भी जान गई।

20 अप्रैल, 2006: यूपीए सरकार ने लिब्रहान आयोग को बताया कि ढांचा गिराने की साज़िश बीजेपी, आरएसएस, बजरंग दल और शिवसेना ने रची

जुलाई, 2006: यूपी सरकार ने अस्थाई राम मंदिर की सुरक्षा के लिए बुलेटप्रूफ शीशे के घेरे का प्रस्ताव रखा, मुस्लिम पक्ष ने विरोध किया।

30 जून, 2009: ढांचा विध्वंस मामले में बने लिब्रहान आयोग ने 17 साल बाद जांच रिपोर्ट प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सौंपी।

07 जुलाई, 2009: यूपी सरकार ने हाईकोर्ट में हलफ़नामा दायर किया कि अयोध्या विवाद से जुड़ीं 23 महत्वपूर्ण फ़ाइलें सचिवालय से ग़ायब हैं।

24 नवंबर, 2009: संसद के दोनों सदनों में लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट पेश की गई, जिसमें नरसिंह राव को क्लीन चिट दे दी गई

20 मई, 2010: विवादित ढांचा विध्वंस मामले में आडवाणी समेत अन्य नेताओं पर क्रिमिनल केस के लिए पुनरीक्षण याचिका हाईकोर्ट ने ख़ारिज की।

26 जुलाई, 2010: अयोध्या विवाद पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हुई।

24 सितंबर, 2010: हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने विवादित स्थल के तीन हिस्से करने का फ़ैसला सुनाया, एक हिस्सा मुस्लिम पक्ष को।

09 मई, 2011: सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फ़ैसले पर रोक लगा दी।

27 जनवरी, 2018: सीजेआई दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि मस्जिद इस्लाम का अभिन्न अंग नहीं है।

29 अक्टूबर, 2018: सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए जनवरी के प्रथम सप्ताह में उचित पीठ के गठन का निर्देश दिया।

जनवरी, 2019: अयोध्या केस की सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में पांच जजों की संविधान पीठ गठित।

10 जनवरी, 2019: मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन के ऐतराज़ पर जस्टिस यूयू ललित ने ख़ुद को सुनवाई से अलग किया।

26 फरवरी, 2019: सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता से विवाद सुलझाने की सलाह दी, कोर्ट अपनी निगरानी में मध्यस्थता से विवाद के निपटारे को तैयार हुआ।

06 मार्च, 2019: सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद पर मुस्लिम पक्ष मध्यस्थता को तैयार, हिंदू महासभा और रामलला पक्ष ने असहमति जताई।

08 मार्च, 2019: सुप्रीम कोर्ट ने श्री श्री रविशंकर, श्रीराम पंचू और जस्टिस एफ़ एम ख़लीफुल्ला को अयोध्या केस में मध्यस्थता की मंज़ूरी दी।

02 अगस्त, 2019: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मध्यस्थता के ज़रिए अयोध्या केस नहीं सुलझाया जा सकता, छह अगस्त से केस की रोज़ सुनवाई तय।

15 अक्टूबर, 2019: सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या केस की सुनवाई 16 अक्टूबर, 2019 तक पूरी करने की समय सीमा निर्धारित की।

9 नवंबर, 2019: सुप्रीम कोर्ट ने विवादित भूमि पर राम मंदिर बनाने का फ़ैसला सर्वसम्मति से सुनाया।

 

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