जब हम किसी बैंक में अकाउंट खुलवाते हैं तो कुछ बातें ध्यान रखना बेहद जरूरी हो जाता है. जैसे बैंक पर सरकार द्वारा कोई पेनल्टी तो नहीं लगाई गयी है, बैंक FD पर कितना परसेंट इंटरेस्ट दे रहा है. अगर आपको अन्य बैंकों के मुकाबले अधिक ब्याज दे रहा है तो उस बैंक है. यानी ‘नो योर कस्टमर’ बैंकों के लिए जितना महत्वपूर्ण उतना ही ग्राहकों के लिए भी ‘नो ओर बैंक’ मायने रखता है. सामान्यतः हम किसी भी बैंक में खुलवाने से पहले हम बैंक द्वारा दी जाने वाली सर्विसेज देखते हैं, हमारा ध्यान बैंकों के NPA की तरफ नहीं जाता है.
दिवालिया हो गया यस बैंक
कभी एक झटके में किसी भी फाइनेंसियल क्राइसिस से बाहर निकल जाने वाला राणा कपूर का यस बैंक दो-तीन सालों में ही ताश के पत्तों की तरह गिर गया. बड़े उद्योग घरानों को दिए गए रिस्की लोन और मनी लॉन्ड्रिंग सहित भ्रष्टाचार के कई मामलों के कारण बैंक का NPA बढ़ता गया.स्टॉक मार्केट में बैंक के शेयर धड़ाम हो गए और बैंक दिवालिया होने की स्थिति में आ गया. रिजर्व बैंक (RBI) ने इस बैंक पर मोरेटोरियम लगा दिया जिसके कारण निवेशकों पर अधिकतम 50 हजार रुपये निकासी की पाबंदी लगा दी गई. तब केंद्र सरकार ने देश के चौथे सबसे बड़े प्राइवेट बैंक Yes Bank को बचाने का जिम्मा देश के सबसे बड़े बैंक SBI को सौंपा. SBI ने इस बैंक में 10,000 करोड़ रुपये का फ्रेश कैपिटल डाला और Yes Bank ने पब्लिक ऑफर के जरिये 15,000 करोड़ रुपये जुटाए इसके बाद Yes Bank एक बार फिर से पहले की तरह सुचारू रूप से चलने लगा और RBI ने भी मोरेटोरियम हटा दिया अगस्त 2019 में जहाँ यस बैंक के एक शेयर की क़ीमत 404 रुपये थी, वहीं शुक्रवार को ये 5.65 रुपये के रिकॉर्ड निचले स्तर तक पहुँच गया. यानी सात महीनों में कुल मिलाकर शेयर के दाम 85 प्रतिशत गिर गए और यस बैंक की मार्केट वैल्यू 7943 करोड़ रुपये घट गई.
बता दें 2018-19 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में बैंक को 1500 करोड़ रुपये से अधिक का घाटा हो गया . जब से बैंक की स्थापना हुई थी, ये उसका सबसे बड़ा घाटा था. आरोप ये भी लगाया गया कि बैंक ने जान बूझकर अपने खातों में घाटे के इस आंकड़े को छिपाया था.
यस बैंक में पैसा लगाना कितना सेफ है
यस बैंक की ये हालत देखकर ग्राहक काफी डरे हुए हैं, उन्हें अपनी पूंजी डूबने का डर है. आपको बता दें कि यस बैंक आपको पटरी पर ला रहा है और इसमें केंद्र सरकार भी मदद कर रही है. मूडी ने अपने रेटिंग में भी यस बैंक को अपग्रेड करके Caa1 से B3 कर दिया है. इससे यस बैंक की स्थिति अब दिवालिया जैसी नहीं है, भविष्य में पहले की तरह काम करने की संभावना है.
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